"सुनो डार्लिंग सुबह हो गयी आज चाय नहीं दि रोज़ की तरह?" सुबह उठते ही शर्मा जी ने अपनी धर्मपत्नी को प्यार से जगाते हुए बोले। रजायी के नीचे से आवाज़ आईं "आज क्रिकेट मैच स्टार्ट होने वाला है?”। शर्मा जी ने जवाब दिया। हाँ और अपना दबाव दिखाते हुए बोला कि अभी मैच स्टार्ट होगा तुम लोग आज मुझे डिस्टर्ब मत करना और हाँ प्लीज़ चाय दे दो। "अरे उठो!! ख़ुद चाय बना लो और मेरे लिए भी बना देना।" रजायी के अंदर से आवाज़ आयी। आवाज़ में ज़रा सी तेज़ी बढ़ गयी थी। समय को भाँपते हुए और आज मैच भी देखना है सोंच कर चाय बना कर शर्मा जी ने ख़ुद ही पी ली और धर्मपत्नी जी को भी बेड टी दे दी। शर्मा जी बाथरूम जाने के लिए बाथरूम का दरवाज़ा खोलने की कोशिश कर रहे थी लेकिन खुल नहीं रहा था। " इतने तेज़ तेज़ से दरवाज़े की कुंदी खिंचने से दरवाज़ा खुल नहीं जाएगा, जाओ तबतक वैकुम क्लीनर बेड रूम में चला दो बहुत धूल सी लग रही है फ़र्श पर ! " बाथरूम के अंदर से आवाज़ आयी । शर्मा जी से भी रहा नहीं गया। अरे यार !!! अभी तो बाथरूम ख़ाली था !!! तुम कब अंदर चली गयी? देखो मैच स्टार्ट होने
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