राहुल और साक्षी की मुलाकात पहली बार कॉलेज की लाइब्रेरी में हुई थी। दोनों किताबों के शौकीन थे, लेकिन राहुल हमेशा रोमांस नावेल पढ़ता, और साक्षी को मोटिवेशनल किताबें पसंद थीं। वह अक्सर मजाक में कहती, "तुम्हारी कहानियों में हमेशा प्यार होता है, लेकिन असली ज़िंदगी में लोग खुद को पहले संभालते हैं, फिर किसी और से प्यार करते हैं।" एक दिन बारिश हो रही थी। राहुल कैंटीन के कोने में बैठा था, और तभी साक्षी भीगती हुई आई। पेड़ की छाँव के नीचे । "अरे, तुम भी बारिश में भीगने वालों में से हो?" राहुल ने मुस्कुराते हुए पूछा। साक्षी ने कांपते हुए अपने बालों से पानी झटका और बोली, "नहीं, बस ऑटो नहीं मिला। वैसे एक अदद चाय मिल जाती तो बेहतर होता।" राहुल ने तुरंत दो चाय ऑर्डर कर दी। पहली बार, बिना किसी किताब के, दोनों घंटों बातें करते रहे—बारिश, ज़िंदगी, सपने और प्यार पर। जब साक्षी चलने लगी, तो राहुल ने हंसते हुए कहा, "देखो, असली ज़िंदगी में भी कभी-कभी सिर्फ खुद को नहीं, किसी और को भी संभालना पड़ता है।" साक्षी रुकी, हल्का सा मुस्कुराई और कहा, "हो सकता है, पर पहले ...
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