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Showing posts from August, 2020

असली ज़रूरत मंद

....................................................................................................... "भाई साहेब ! ओ भाई साहेब ! सुनिए तो! बच्चा कई दिनों से भूखा है । कुछ मदद कर दीजिए ।" आवाज़ अनसुनी कर रोहित चला जा रहा था । तभी उसके मन में पता नहीं क्या आया कि पीछे मुड़ के उस औरत के पास आ गया जो उसे आवाज़ लगा रही थी । यही कोई लगभग 45 वर्ष की आयु की औरत थी। रोहित को पास आते देख, महिला दयनीय चेहरा बना कर गिड़गिड़ाते हुए बोलने लगी। "साहेब! पैसे नहीं तो राशन दिला दीजिए या 5 किलो आटा ही दिला दीजिए, बच्चे भूखे हैं " । "मैं आपको इसी जगह पे सालों से देखता हूँ। आपकी सेहत भी ठीक ठाक दिखती है, फिर आप ये रोज़ इतना भीख माँग कर करती क्या हैं ? मैंने भी बहुत बार आपको मदद की है । मुझे याद है।” रोहित उस औरत को प्यार से समझाने के लहजे से बात करने लगा । "अरे नहीं साहेब मेरा बच्चा भूखा है, पैसे नहीं तो खाने का सामान दिला दीजिए। ” औरत एक बात की रट लगाए पड़ी थी। “अच्छा तो पहले आप लोग पैसे माँगते थे, और लोग ज़रा समझदार हो गए हैं तो आप लोग बोलते हो कि 5 किलो का आटा दिला दीजि