जब मनुष्य जन्म लेता है तब उसके पास निर्वस्त्र शरीर और स्वच्छ दिमाग़ के सिवा कुछ नहीं होता। समय उसे मोह , माया , द्वेष , ईर्ष्या दे देती है जिसमें वह उलझा रहता है । एक के मिलने के बाद दूसरे को पाने लिए दौड़ता रहता है। ....... ...... ... - अरुण सिंह
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