जब मनुष्य जन्म लेता है तब उसके पास निर्वस्त्र शरीर और स्वच्छ दिमाग़ के सिवा कुछ नहीं होता।
समय उसे मोह, माया, द्वेष, ईर्ष्या दे देती है जिसमें वह उलझा रहता है ।
एक के मिलने के बाद दूसरे को पाने लिए दौड़ता रहता है।
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- अरुण सिंह
This blog is about Short Stories / कहानियां एवं लघुकथाएं , poems and motivational thoughts.
जब मनुष्य जन्म लेता है तब उसके पास निर्वस्त्र शरीर और स्वच्छ दिमाग़ के सिवा कुछ नहीं होता।
समय उसे मोह, माया, द्वेष, ईर्ष्या दे देती है जिसमें वह उलझा रहता है ।
एक के मिलने के बाद दूसरे को पाने लिए दौड़ता रहता है।
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- अरुण सिंह
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