जब किसी के लौटने की उम्मीद ना हो ।
तो घर के दरवाजे ,
अपने आप ही बंद हो जाते हैं ।
सारे रास्ते बंद हो जाते हैं ,
बेवजह ख्वाब नहीं आते हैं ।
शहर के शोर में भी ,
कोई आवाज सुनाई नहीं देते हैं ।
जब किसी के लौटने की उम्मीद ना हो ।
तो घर के दरवाजे ,
अपने आप ही बंद हो जाते हैं ।
- अरुण सिंह
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