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Showing posts from August, 2025

कुदरत ने ना कहने की कोई चीज नहीं बनायी

सॉवन के जाने और वर्षा ऋतु के सुहाने मौसम में कुछ ना लिखे तो आनंद नहीं ।.. ——————————— कुदरत ने ना कहने की कोई चीज नहीं बनायी । ना पानी बहने को मना करती , और ना ही हवा । ना सूरज चमकने से मना करता , और ना ही अंधेरा आने को । ना ही सुख , ना ही दुख । कोई ना नहीं कहता । सब आते ही हैं, अपने समय से । ना नदी अपनी रुख़ बदलती , ना समंदर अपनी गहराई । पर्वत कभी झुकता नहीं , बादल कभी बरसने से मना नहीं करते । सब होता ही अपने समय से । जो आया है , वो जाएगा भी । इसको ना कोई बदला है , ना बदल सकता । सब होता ही है , अपने समय से । - अरुण सिंह