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प्यार एक अजीब सा एहसास है / Love is a strange feeling.

 प्यार एक अजीब सा एहसास है।  जिसको सब समझ नही सकते ।  केवल उसी को समझ में आता है जिसको प्यार होता है ।  कोई इस एहसास को बता भी नही सकता ।  इसको केवल महसूस किया जा सकता है ।  यह आपके जीवन में कई बदलाव ला सकता है।
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बारिश की बूँद

 ***बारिश की बूँद *** आसमान काले बादलों से घिर गया । जेठ की जलाने वाले सूरज की गर्मी से थोड़ी राहत मिली । खेत जो एक-एक बूँद पानी को तरस गये थे , शायद उनको उम्मीद लगी की अब उनकी प्यास बुझेगी ।  सुर्ख़ पड़ी ज़मीन अब पानी के एक बूँद को अपने अंदर समा लेने  के लिए अपने आप को तैयार कर लिए।  बगीचे के सारे पेड़ जलती हुई धूप से अपने पत्तियों को गिरा चुके थे , अब वह भी आसमान की तरफ़ आशा भरी आस में देख रहे हैं । उनकी भी अब उम्मीद है कि महीनों की प्यास बुझ जाएगी । जैसे ही ठंडी हवा काले बादलों के झुंड को ले कर घूमने लगी, चिड़ियों का झुंड जो जलती धूप से बचने के लिए  छिपे थे , बाहर निकल कर चहचहाने लगे ।  उन्हें भी अब खुले आसमान में जी भर के भीगने और मन भर प्यास बुझाने की उम्मीद जग गई । फिर काले बादल, अपने अंदर समाये अनंत पानी के एक एक बूँद को छोड़ना शुरु किए ।  महीनों से प्यासे खेत जो पानी की आस में सुख कर सख़्त हो गये थे , पानी की बूँद पड़ते ही जीवंत होने लगे ।  सारे सूखे पेड़ , प्यासी चिड़ियों का झुंड , सब अपनी प्यास बुझाने लगे । - अरुण सिंह

जब किसी के लौटने की उम्मीद

जब किसी के लौटने की उम्मीद ना हो । तो घर के दरवाजे , अपने आप ही बंद हो जाते हैं । सारे रास्ते बंद हो जाते हैं ,  बेवजह ख्वाब नहीं आते हैं ।  शहर के शोर में भी , कोई आवाज सुनाई नहीं देते हैं । जब किसी के लौटने की उम्मीद ना हो । तो घर के दरवाजे , अपने आप ही बंद हो जाते हैं ।                                     - अरुण सिंह 

कॉफ़ी हाउस / coffee house

शहर के बाहर , शोर शराबे से दूर एक शांत कॉफ़ी हाउस के अंदर गया ।   "अंदर जाते ही रिसेप्शन पर एक सुंदर सी महिला ने अभिवादन किया और साथ ही पूछ लिया , सर क्या लेंगे ?"  बाहर बहुत गर्मी थी और पसीने से लगभग आधा माथा भीग गया था । कॉफ़ी हाउस के अंदर एसी की ठंडी-ठंडी हवा ने पसीना सुखाना स्टार्ट किया ।  फिर रिसेप्शन की महिला के आवाज़ सुन कर , काउंटर के मेनू पर नज़र घुमाया ।   कई प्रकार के कॉफ़ी और उनके अलग-अलग साइज के प्राइस लिखे थे ।   फिर मैंने एक कॉफ़ी फाइनल किया और बोला एक कोल्ड कॉफ़ी ।  उधर से प्रश्न आया "सर, लार्ज, मीडियम या स्मॉल ?"   कुछ सोच कर मैंने बोला, मीडियम। ऑर्डर दे कर कोने की एक ख़ाली पड़ी सीट पर जा कर बैठ गया । सामने टेलिविज़न स्क्रीन पर आईपीएल का मैच चल रहा था । मैं भी थोड़ा क्रिकेट में रुचि लेता था तो देखने लगा ।   मैच रोमांचक मोड़ पर था । बैटिंग वाली टीम को जीतने के लिए 3 ओवर में 50 रन बनाने थे और ये उनका आख़िरी विकेट चल रहा था।  तब तक मेरी कॉफ़ी आ गयी और एक मीठी सी आवाज़ ने मेरा ध्यान भंग किया  "सर, इंजॉय योर कॉफ़ी" मैं भी एक हल्की सी मुस्कुराहट

संघर्षों से समस्या का समाधान

हमें अपने संघर्षों, अपने कठिनायियों से डरने की जगह, एक-दूसरे के साथ मिलकर समाधान ढूंढने की आवश्यकता है। समस्याओं का सामना करने के लिए, एक साथ मिलकर काम करना हमेशा सबसे बढ़िया होता है। कोई भी बड़ा काम , बड़ी मुश्किल का सामना, साथ मिलकर करने से, बड़ा से बड़ा काम भी आसान हो जाता है। जब हम अकेले किसी समस्या का समधन ढूंढने निकल पड़ते हैं तो समाधान तो मिलता हाई। लेकिन ये नहीं पता चलता कि ये समाधान सही है या ग़लत। हमें अपना ढूँढा हुआ समाधान तो हमेशा से ही सही लगेगा। लेकिन ये तब सही होगा, जब कोई और उसे समझ के बताए कि ये सही है। सफलता वह है जब हम अपने सपनों की खोज में उतरते हैं, और रास्ते में मिलने वाली हर कठिनायी को एक संगीन मानते हैं।

जीवन की सच्चायी

जीवन की सच्ची खूबसूरती उसकी अनूठी अदा में छुपी होती है। खुद को खोजने का सबसे खास रास्ता है, खुद के आँतरिक आवाज़ को सुनना। हर रोज़ एक नया सवेरा, हर क्षण एक नया आगाज़। जीने का ख़ुशनुमा मंत्र। समय का सबसे बड़ा धनी वह होता है जो अपने समय को अच्छी तरह से व्यवस्थित करता है। जीवन में सफलता का मापदंड वह नहीं है जो हम प्राप्त करते हैं, बल्कि वह कैसे हम अन्यों को इसका हिस्सा बनाते हैं। सच्चा धन वह है जो आत्मा को संतुष्टि दे, न कि सिर्फ बैंक खाते में जमा हो।

चुप रहके बहुत कुछ बोला जा सकता है

चुप रहके बहुत कुछ बोला जा सकता है । जीवन का सबसे बड़ा वार्तालाप चुप रहके होता है। कोई अपना मित्र या घर का ही अपना सदस्य, ग़ुस्से में बहुत कुछ बोलते हैं। अगर एक पच्छ समझदारी दिखाए तो, बहुत बड़ा से बड़ा झगड़ा, मारपीट या कोई भी विवाद सुलझाया जा सकता है। वाक़यी में जो कोई भी ग़ुस्से में होता है, वह उस समय स्वयं नहीं होता है। उस समय उसके शरीर पर किसी और का वश होता है । बस उस तनिक से समय के लिए, अगला आदमी कुछ जवाब ना दे और शांत रह जाए। तो ग़ुस्सा शांत होते ही उसे समझ में आ जाएगा कि वह कितनी गलती कर रहा था। और दूसरा आदमी चूप रहके भी सब कुछ बोल जाएगा। - अरुण सिंघ