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नियम बहुत बोरिंग होते हैं


रोहित सोफ़े में धँस कर न्यूज़ डिबेट का ९ बजे का प्रोग्राम देख रहा था। दो पार्टी  के प्रवतका के बीच नोक झोंक चल रही थी। डिबेट अपने ज़ोरों पर चल रहा था, रोहित का पूरा ध्यान डिबेट में था। उसे ध्यान ही नहीं रहा कब रीमा ने चाय का प्याला टेबल पर रख दिया। टेबल पर पानी का ग्लास पहले से रखा था। ग़लती से पानी समझ कर बिना देखे चाय का प्याला उठा कर पी गया । अहं उह्ह मुँह जल गया!!!! चाय के कप को मुँह से हटाते हुए और ग़ुस्सा रीमा के उपर निकालते हुए ” चाय कब रख दी!! बता तो देती” देखो मेरा पूरा मुँह जल गया। रीमा ने भी जवाब दिया ” बताया तो था!! जब अपने न्यूज़ से बाहर निकलोगे तब तो कुछ दिखायी सुनायी देगा ” “ऐसे मगन हो कर न्यूज़ देखते हो जैसे देश का सारा इकॉनमी तुम्हें ही सही करना है” और सुनो ये राजू को देखो दूसरी क्लास में चला गया लेकिन सही से जोड़ घटाना भी नहीं कर पाता। और मुसीबत ना आए भाँपते हुए “अच्छा प्लीज़ मुझसे ग़लती हो गयी मेरा मुँह चाय से नहीं पानी से जल गया था! ” रोहित अपनी हार मान के फिर से सोफ़े में घुस गया। न्यूज़ डिबेट का प्रोग्राम अब खत्म हो गया था।
रोहित के कानो में रीमा की आवाज़ गूँज रही थी कि राजू को सही से जोड़ घटाना भी नहीं आता। फिर उसके अंदर का अध्यापक जागा और राजू जो मैथ का बुक सामने रख के रीमा के मोबाइल पर “डेथ वर्म” मोबाइल गेम खेल रहा था उसके पास गया।
राजू बेटा! राजू बेटा प्यार से कयी बार बुलाया तब राजू ने बोला “अरे डैडा आपने मुझे डिस्टर्ब कर दिया, देखो मेरा वर्म डेड हो गया “। फिर रोहित ने आदेश के लहजे में राजू को आदेश दिया “सुनो अपने पढ़ायी पर ध्यान दो!! देखो हर काम ज़रूरी है, थोड़ा पढ़ायी भी करो और थोड़ा खेला भी करो, थोड़ा मोबाइल गेम भी खेल सकते हो!! ” राजू रोहित की बातें सुनकर थोड़ा सा मुस्कराया और फिर मोबाइल के तरफ़ उसकी ऊँगली बढ़ने लगी। फ़टाक से रोहित ने राजू के हाथों से मोबाइल छीन लिया। राजू किसी हारे हुए खिलाड़ी की तरह शांत रहा। अब रोहित के अंदर का अध्यापक थोड़ा शख़्त हो गया। डाँटते हुए राजू को समझाने लगा
"अब हम एक नियम बनाएँगे, तुम रोज़ १ घंटा स्टडी करोगे, १ घंटा मोबाइल देखोगे और १ घंटा प्ले ग्राउंड में कोई खेल खेलोगे "
राजू थोड़ी देर सुनता रहा फिर प्यार से बोला डैडा “नियम बहुत बोरिंग होते हैं” और दूसरे रूम में चला गया !!!!!!!
- अरुण कुमार सिंह

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