“राहुल!!
बेटा उठ
जाओ!! आज
पैरेंट्स टीचर मीटिंग है
तुम्हारे स्कूल में।” मैं
भूल गई थी। पिछले हफ़्ते ही
स्कूल से मैसेज
आया
था। अभी याद आया। जल्दी उठो
हमें १ घंटे में जाना है।
“पता
नहीं कैसा रिपोर्ट आया होगा
!!! ऑफ़िस
के काम की वजह से कुछ पढ़ा भी
नहीं पायी थी । सीमा आलमारी
में
राहुल का स्कूल ड्रेस ढूँढते
हुए मन ही मन बुदबुदा रही थी।
समय से कुछ मिलता भी तो नहीं
है। ये तुम अपने कपड़े किधर
फेंक देते हो? राहुल
के उपर चिल्लाया। लेकिन तुरंत
ही समझ आ गया कि बेचारे 8
साल के
बच्चे को कितना ध्यान रहेगा!!”
“कैसे
भी कर के स्कूल जाने को दोनो
तैयार हो गए और स्कूल के लिए
निकल पड़े। राहुल तो अभी भी
नींद में ही था अध मने मन से
चले जा रहा था। शायद उसको लग
रहा था कि पूरे हफ़्ते में १
दिन की तो छुट्टी होती है!!
“संडे”
और उसमें भी स्कूल जाना पड़
रहा है!!!”
सीमा
राहुल का हाथ पकड़ कर जल्दी
जल्दी स्कूल के तरफ़ चले जा
रही थी । स्कूल पहुँच कर क्लास
रूम में हेड टीचर से अपने नम्बर
का टोकेन ले कर बैठ गयी। “नयी
हेड टीचर तो लग ही नहीं रही
हैं कि टीचर है बिल्कुल मॉडर्न
टीचर! इतना
सारा मेकप और कपड़े तो कहीं
से भी टीचर वाले नहीं लग रहे।
चलो मेकप और कपड़ों से तो कोई
बात नहीं लेकिन किसी भी बच्चे
या पैरेंट्स से सही से बात भी
नहीं कर रहीं। बस एक रोबोट की
तरह बच्चे का नाम पूछा और कापी
में नाम के सामने फ़ीड्बैक
पैरेंट्स को दिखा कर साइन कर
ले रहीं थी। फिर अगले टोकेन
वाले को बुला लेती थीं।”
सीमा
मन ही मन बातें कर रही थी।
सोंचते सोंचते वह अपने बचपन
में चली गयी जहाँ टीचर और
स्टूडेंट के बीच कितना भावनात्मक
और आदर का रिश्ता होता था। आज
कल के टीचर!!! और
बच्चे!!! उधर
राहुल भी अपने दोस्तों को
क्लास रूम में पा कर उनके साथ
खेलने लगा।
सीमा
के टोकन का नम्बर आया। फिर
सीमा जल्दी से राहुल का हाथ
पकड़ के टीचर के सामने वाली
ख़ाली पड़ी कुर्सी
पर
बैठ गयी। “तुम्हारा नाम क्या
है ? “ क्लास
टीचर ने राहुल के तरफ़ देखते
हुए पूछीं।
इतना
सुनकर कर तो सीमा का माथा गरम
हो गया। मैडम आप इसकी क्लास
टीचर हैं और इसका नाम तक नहीं
पता आपको ?
फिर
आपने इसका फ़ीड्बैक कैसे दिया
है। अरे नहीं इतने सारे बच्चें
हैं ना क्लास में तो अब किसका
किसका नाम याद रखे!! टीचर
सीमा को समझाते हुए नरम आवाज़
में बताने लगी।
सीमा
का दिमाग़ और गरम हो गया जब
फ़ीड्बैक कॉपी में लिखा था
कि राहुल की हैंडराइटिंग बहुत
अच्छी है!!
- अरुण
कुमार
सिंह
It's so relatable!!
ReplyDeleteYes , right :)
DeleteBohot badhiya :)
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