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Showing posts from January, 2025

ग़मों को भुलाने का बहाना चाहिए

 कुछ देर के लिए ही सही । ग़मों को भुलाने का बहाना चाहिए । कुछ यादों को , कुछ बातों को । कुछ मिलने को , कुछ बिछड़ने को । कभी गिरने को , फिर गिर के संभल जाने को । कुछ देर के लिए ही सही । ग़मों को भुलाने का बहाना चाहिए । मुसीबत में लड़ने को ।  सत्य की राह में चलने को । हर परिस्थिति में अडिग रहने को। दृढ़ निश्चय के साथ खड़ा रहने को । मन में विश्वास, जो होगा अच्छा ही होगा । कुछ देर के लिए ही सही । सभी परिस्थिति से लड़ने की , ताकत होनी चाहिए । - अरुण सिंह 

अपने अंदर की ख़ज़ाने की खोज

 राहुल जिसे किताबों और काग़ज़ों से बहुत प्यार था। उसके पास पुराने काग़ज़ों का एक भंडार था, जिसमें हर काग़ज़ पर एक नई कहानी छिपी थी। एक दिन, जब वह अपने कमरे में बैठकर पुराने काग़ज़ों को पलट रहा था, उसे एक काग़ज़ की बहुत अजीब सी आवाज़ सुनाई दी। जैसे वह काग़ज़ उससे कुछ कहना चाहता हो। राहुल ने हैरान होकर उस काग़ज़ को उठाया। वह काग़ज़ सामान्य सा दिखता था, लेकिन उसके किनारे पर कुछ शब्द लिखे थे, जो राहुल ने पहले कभी नहीं देखे थे। वह शब्द थे, "खोया हुआ खजाना तुम्हारे सामने है।" राहुल को यह बहुत आश्चर्य लगा। उसने उस काग़ज़ को ध्यान से पढ़ा, फिर उसकी छानबीन शुरू कर दी। काग़ज़ पर एक छोटी सी नक़्शे जैसी तस्वीर भी बनी थी। राहुल को समझ में आ गया कि यह कोई सुराग हो सकता है। उसने नक़्शे के अनुसार उस पुराने कुएँ के पास जाकर खुदाई शुरू की। कुछ ही देर में उसे एक बक्सा मिला। बक्सा खोलते ही उसमें से एक पुराना पुस्तक निकला, जो एक गहरी रोशनी से चमक रहा था। राहुल ने पुस्तक को खोला, तो उसमें लिखा था: "सच्चा खजाना वह नहीं जो तुम्हारे पास हो, बल्कि वह है जो तुम्हारे दिल में हो।" राहुल समझ गया...